liquor-will-be-cheaper-in-chhattisgarh शराब के कारोबार को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए आज विष्णु देव साय की सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। आज आयोजित कैबिनेट की बैठक में विदेशी शराब की थोक खरीदी के लिए लायसेंसी व्यवस्था को समाप्त करते हुए शराब निर्माताओं से सीधे शराब की खरीदी करने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को जिम्मेदारी दी गई है।
liquor-will-be-cheaper-in-chhattisgarh राज्य की विष्णु देव साय सरकार ने सत्ता में आते ही पिछली सरकार पर लगे व्यापक भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों की जांच शुरू कर दी थी, साथ ही सभी क्षेत्रों में पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने का वादा राज्य के नागरिकों से किया था। पिछली सरकार पर जिन घोटालों के गंभीर आरोप लगे थे, उनमें शराब घोटाला प्रमुख था। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई आबकारी नीति में संशोधन कर FL -10 लायसेंस का नियम बनाया और अपने चहेते फर्मों को सप्लाई का जिम्मा दे दिया।
liquor-will-be-cheaper-in-chhattisgarh इससे राज्य में जहां अवैध शराब, नकली शराब की बिक्री धड़ल्ले से होने लगी वहीं नकली होलो ग्राम चिपकाकर बोतलों की स्कैनिंग किए बिना घटिया शराब बेची गई। इससे राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ और शराब उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को भी गंभीर क्षति हुई।
liquor-will-be-cheaper-in-chhattisgarh शराब कारोबार में मनमानी पर अंकुश लगाने के क्रम में साय सरकार ने हाल ही में शराब कांउटरों पर UPI के माध्यम से भुगतान सुविधा शुरू की है, ताकि शराब की मनमानी कीमत पर बिक्री पर रोक लगाई जा सके और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपभोक्ताओं को मिल सके।
liquor-will-be-cheaper-in-chhattisgarh इसके बाद आज कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय से विदेशी शराब की खरीदी के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की पुरानी व्यवस्था को फिर से स्थापित कर दिया गया है। इसके मुताबिक विदेशी शराब की खरीदी सरकार एजेंसी द्वारा की जाएगी और उसी की आपूर्ति शराब कांउटरों पर की जाएगी। इससे जहां उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलना सुनिश्चित होगा, वहीं वे अपनी पसंद के ब्रांड के उत्पाद हासिल कर सकेंगे।
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