डा. क्रान्ति खुटे ने अन्तर्राष्ट्रीय नशा एवं मादक पदार्थ (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस पर विश्व भर के सभी सरकारों से अपील की है कि नशा एवं मादक पदार्थ पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ,आज अन्तर्राष्ट्रीय नशा एवं मादक पदार्थ निषेध दिवस पर हमारे प्रतिनिधि को एक विशेष भेट में उक्त उदगार जाहिर की है, डा. क्रांति खुटे ने बताया है कि यह दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जून को मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण हेतु ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ ने 7 दिसम्बर, 1987 को प्रस्ताव संख्या 42/112 पारित कर हर वर्ष 26 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया था। यह एक तरफ़ लोगों में चेतना फैलाता है, वहीं दूसरी ओर नशे के लती लोगों के उपचार की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण कार्य करता है।
इसका उद्देश्य ड्रग्स की लत और इसके दुष्प्रभावों से होने वाली मौतों से लोगों को बचाना है।
हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुटखा, पान मसाला किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12% आबादी भारत में है, तंबाकू से संबंधित बीमारियों से लगभग 50 लाख लोग प्रतिवर्ष मारे जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस के लिए साल 2024 की थीम “The evidence is clear: invest in prevention” (“सबूत साफ हैं: रोकथाम में निवेश करें”) रखी है। विश्व ड्रग दिवस, हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से दुनिया को मुक्त करने में कार्रवाई और सहयोग करने के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष व्यक्ति, समुदाय, और दुनिया भर के विभिन्न संगठन विश्व ड्रग दिवस मनाने के लिए शामिल होते हैं ताकि समाज में अवैध ड्रग की बड़ती समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिल सके, उन्होंने कहा है कि यह दिवस तब सार्थक होगा जब पूरे विश्व भर की सरकारे नशा से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार कर प्रतिबंध लगाने पर पहल करे