पामगढ़,भारतीय मानव अधिकार स्वरोजगार ट्रस्ट की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती मंजुलता टंडन ने बताया है कि हर साल 26 जून को यातना पीड़ितों के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day in Support of Victims of Torture) मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव यातना के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है कि यह न केवल अस्वीकार्य है बल्कि यह एक अपराध भी है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 दिसंबर 1997 को, 52/149 प्रस्ताव को पारित किया और हर साल 26 जून को अत्याचार को ख़त्म करने और इसलिए अत्याचार और अन्य क्रूर अमानवीय या अपमानजनक उपचार या सजा के खिलाफ कन्वेंशन के प्रभावी कामकाज के लिए यातना के पीड़ितों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का निर्णय लिया था। हालांकि यह याद रखना चाहिए कि कानूनी दंड के कारण होने वाले दर्द या पीड़ा को यातना नहीं माना जाता है।
पहले 26 जून के कार्यक्रम 1998 में शुरू किए गए थे। तब से, दुनिया भर के दर्जनों देशों में लगभग 100 संगठन हर साल घटनाओं, समारोहों और अभियानों के साथ इस दिन को चिह्नित करते हैं,