**भीम आर्मी के मुखिया और नगीना लोकसभा क्षेत्र के नव निर्वाचित सांसद चंद्रशेखर आज़ाद रावण: छत्तीसगढ़ दौरा और बलौदाबाजार हिंसा पर उनकी प्रतिक्रिया**
*परिचय**
भीम आर्मी के मुखिया और नगीना लोकसभा क्षेत्र के नव निर्वाचित सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने हाल ही में छत्तीसगढ़ का दौरा किया। वे यहां बिलाईगढ़-भटगांव में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरे की पृष्ठभूमि में पिछले दिनों बलौदाबाजार में हुई हिंसा और आगजनी की घटनाएं हैं। इस हिंसा के बाद चंद्रशेखर आजाद ने सरकार की कार्यशैली की कड़ी आलोचना की और सतनामी समाज का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने सरकार पर अन्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि सतनामी समाज को निशाना बनाया गया है। चंद्रशेखर आजाद ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते, लेकिन लंबे समय तक भावनाओं से खिलवाड़ होने के बाद ही ऐसी घटनाएं घटित होती हैं।
**भीम आर्मी और चंद्रशेखर आज़ाद का परिचय**
भीम आर्मी एक सामाजिक संगठन है जो दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करती है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, समानता, और सामाजिक न्याय के लिए काम करना है। चंद्रशेखर आजाद, जिनका असली नाम चंद्रशेखर आजाद रावण है, भीम आर्मी के संस्थापक और नेता हैं। वे अपने सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष के कारण चर्चा में रहते हैं। नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद, चंद्रशेखर आजाद ने राजनीति में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
**बलौदाबाजार हिंसा की पृष्ठभूमि**
बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़ के एक महत्वपूर्ण जिले में आता है। यहां सतनामी समाज की बड़ी संख्या निवास करती है। सतनामी समाज एक महत्वपूर्ण दलित समुदाय है जो कई सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता है। हाल ही में, इस जिले में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। यह हिंसा सामाजिक तनाव और असंतोष का परिणाम थी। सतनामी समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन उनके साथ अन्याय कर रहे हैं और उनकी धार्मिक आस्थाओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं।
**चंद्रशेखर आजाद की प्रतिक्रिया**
चंद्रशेखर आजाद ने इस हिंसा के बाद सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार सतनामी समाज के साथ अन्याय कर रही है और उन्हें टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने बलौदाबाजार हिंसा पर कहा कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते, लेकिन लंबे समय तक भावनाओं से खिलवाड़ होने के बाद ही ऐसी घटनाएं घटित होती हैं। चंद्रशेखर आजाद ने यह भी कहा कि जब तक जांच नहीं होगी, दोषियों का पता नहीं चल सकेगा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आस्था का सम्मान करने में और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में असफल रही है।
**सरकार और प्रशासन की भूमिका**
बलौदाबाजार हिंसा के संदर्भ में सरकार और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। सतनामी समाज के लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने उनके साथ पक्षपात किया और उनकी धार्मिक आस्थाओं का सम्मान नहीं किया। चंद्रशेखर आजाद ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि सरकार का यह फेलियर है और उसे इसका जवाब देना होगा। सरकार को अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा और सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार करना होगा।
**सतनामी समाज का संघर्ष**
सतनामी समाज एक प्रमुख दलित समुदाय है जिसका छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक योगदान है। इस समुदाय ने हमेशा से ही अपने अधिकारों और आस्थाओं के लिए संघर्ष किया है। बलौदाबाजार हिंसा इस संघर्ष का एक हिस्सा है। चंद्रशेखर आजाद ने इस समाज का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को उनकी आस्थाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
**भविष्य की राह**
बलौदाबाजार हिंसा के बाद चंद्रशेखर आजाद के दौरे और उनके बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्ष जारी रहेगा। सतनामी समाज और अन्य दलित समुदायों को अपने अधिकारों और आस्थाओं के लिए लगातार संघर्ष करना होगा। सरकार को भी अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा और सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार करना होगा।
**निष्कर्ष**
चंद्रशेखर आजाद का छत्तीसगढ़ दौरा और बलौदाबाजार हिंसा पर उनकी प्रतिक्रिया एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दौरा सामाजिक न्याय और समानता के लिए चल रहे संघर्ष का एक हिस्सा है। चंद्रशेखर आजाद ने सरकार की कड़ी आलोचना की और सतनामी समाज का समर्थन किया। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा और सरकार को भी अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा।
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