बाराद्वार में कुल्हाड़ी से किया हमला: पुलिस ने आरोपी पकड़े, गंभीर घायल का इलाज जारी
घटना का विवरण
24 जुलाई की रात बाराद्वार में एक गंभीर घटना घटित हुई। घटना के अनुसार, बाराद्वार के दो युवकों ने मिलकर एक युवक पर कुल्हाड़ी से किया हमला कर दिया। हमला बाराद्वार के धनेली शराब दुकान के सामने स्थित छोटी नहर में हुआ। इस हिंसक हमले के बाद युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका इलाज बिलासपुर में चल रहा है। घटना की जानकारी मिलने के बाद, बाराद्वार पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और दो दिन बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
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घटना की सूचना और पीड़ित की स्थिति
घटना की सूचना सबसे पहले नगर पंचायत बाराद्वार के वार्ड 10 के पार्षद अजय सिंह ठाकुर को मिली। पार्षद अजय ठाकुर ने बाराद्वार पुलिस थाना पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, 24 जुलाई की रात करीब 11 बजे, अजय ठाकुर के भांजे शिवम ने उनके भतीजे रामसिंह को फोन कर बताया कि अजय सतनामी और सुनील ऊर्फ डाबला ने रामसिंह को जान से मारने की धमकी दी थी और कुल्हाड़ी से किया हमला की है।
रामसिंह पर कुल्हाड़ी से किया हमला, छाती, कंधे और पैर पर वार किए गए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हमलावरों ने रामसिंह को छोटी नहर के पास कुल्हाड़ी से किया हमला लहुलूहान हालत में छोड़ दिया और फरार हो गए। पार्षद अजय ठाकुर ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया और अपने परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे। गंभीर स्थिति को देखते हुए, रामसिंह को प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल लाया गया और फिर उसे बिलासपुर रेफर किया गया।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
कुल्हाड़ी से किया हमला की गंभीरता को देखते हुए, बाराद्वार पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की। पुलिस थाना प्रभारी टीआई राजेश खलखो ने बताया कि 25 जुलाई को पीड़ित की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया। आरोपी अजय सतनामी और सुनील ऊर्फ डाबला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया और उनकी गिरफ्तारी के लिए तलाश शुरू की गई।
26 जुलाई को पुलिस ने अजय सतनामी और एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपियों से सघन पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपने कुल्हाड़ी से किया हमला को स्वीकार कर लिया। घटना में प्रयुक्त टांगी को भी पुलिस ने जब्त कर लिया। आरोपी अजय सतनामी को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया, जबकि विधि से संघर्षरत बालक का सामाजिक प्रोफार्मा भरकर उसे संबंधित न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस की भूमिका और सहयोगी स्टाफ
इस जटिल मामले की त्वरित और प्रभावी जांच में बाराद्वार पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान रहा। थाना प्रभारी टीआई राजेश खलखो, उपनिरीक्षक अनवर अली, सउनि संतोष तिवारी, प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र खाण्डेकर, मनीष राजपूत, आरक्षक घनश्याम पाण्डेय, योगेश राठौर, और सैनिक राजेश ने मिलकर इस मामले की प्रभावी जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण
इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ समाज में सुरक्षा के प्रति चिंता पैदा करती हैं और कानून व्यवस्था की प्रभावशीलता की आवश्यकता को दर्शाती हैं। टांगी से की गई हिंसा न केवल पीड़ित के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि समाज में असुरक्षा की भावना भी पैदा करती है।
इस घटना ने यह भी साबित किया है कि पुलिस और न्यायिक व्यवस्था किसी भी अपराध को हल्के में नहीं लेती और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। पार्षद अजय ठाकुर और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयासों से घटना के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और पीड़ित को तत्काल उपचार प्रदान किया गया।
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आगे की कानूनी प्रक्रिया
अब इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आरोपियों के खिलाफ आरोपों की पुष्टि और सबूत पेश किए जाएंगे, और न्यायालय उचित निर्णय लेकर आरोपी को सजा दिलाएगा। इस दौरान, पीड़ित रामसिंह का इलाज बिलासपुर में जारी रहेगा और उनकी पूरी स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी की जाएगी।
बाराद्वार में कुल्हाड़ी से किया हमला की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज और कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। पुलिस की तत्परता और प्रभावशीलता ने अपराधियों को पकड़ने और न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस प्रकार की घटनाओं के बाद, समाज में सुरक्षा और न्याय की स्थिति को लेकर आम जनता में विश्वास मजबूत होता है। इस घटना के माध्यम से यह भी सिद्ध होता है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका न केवल अपराधियों को पकड़े जाने में बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में भी महत्वपूर्ण होती है।कंवर का योगदान रहा।