IPS अभिषेक पल्लव : आईपीएस अभिषेक पल्लव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कवर्धा हिंसा को लेकर साहू समाज ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। अभिषेक पल्लव का कवर्धा से ट्रांसफर हो गया है।
हाइलाइट्स अभिषेक पल्लव
- कवर्धा हिंसा को लेकर साहू समाज की चेतावनी
- आईपीएस अभिषेक पल्लव को बर्खास्त करने की मांग
- साहू समाज ने सरकार को सात दिनों का दिया अल्टीमेटम
- सरकार ने अभिषेक पल्लव का किया है ट्रांसफर
कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा हिंसा मामले में सरकार ने साहू समाज की मांग आईपीएस अभिषेक पल्लव को बर्खास्त करने की मांग की है साथ ही कवर्धा हिंसा के पीड़ितों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया है। हिंसा के शिकार साहू समाज के लोग हुए हैं। साथ कवर्धा गृह मंत्री विजय शर्मा का गृह जिला भी है। साहू समाज के लोगों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई से हुई है। सरकार ने समाज के बढ़ते विरोध को देखते हुए मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। अब साहू समाज के लोगों ने आईपीएस अभिषेक पल्लव को बर्खास्त करने की मांग की है।
आईपीएस अभिषेक पल्लव को करें बर्खास्त
साहू समाज के लोग कवर्धा की घटना को लेकर एग्रेसिव हैं। सरकारी कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं है। साथ ही तत्कालीन कवर्धा एसएसपी अभिषेक पल्लव पर बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष टहल साहू ने आईपीएस अफसर अभिषेक पल्लव पर एफआईआर दर्ज करने की मांग सरकार से की है। साथ ही उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है।
पुलिस मुख्यालय से अटैच हुए अभिषेक पल्लव
वहीं, कवर्धा हिंसा के बाद अभिषेक पल्लव को पुलिस मुख्यालय से अटैच कर दिया है। साथ ही कुछ स्थानीय अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। लेकिन अभिषेक पल्लव के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार को असहज कर सकती है। अभी साहू समाज के गुस्से को शांत करना है। इस समाज के लोग हिंसा को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं।
एक करोड़ मुआवजे की मांग
इसके साथ ही साहू समाज के लोग पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग करे रहे हैं। उनका कहना है कि मृतक के परिवार वालों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए।
सात दिन का दिया है अल्टीमेटम
वहीं, साहू समाज ने छत्तीसगढ़ सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। साहू समाज ने कहा है कि एक सप्ताह के अंदर अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो हम आंदोलन को तेज करेंगे। ऐसे में अटकलें हैं कि सरकार अब कुछ बड़ा निर्णय ले सकती है।