Janjgir Champa News : 76 हजार 215 निवेशकों ने 223 चिटफंड कंपनियों में 2 अरब 17 करोड़ 40 लाख 70027 रूपए निवेश किया है। इनमें से मात्र एक कंपनी की संपत्ति निलाम कर निवेशकों को 45 लाख रूपए ही लौटाया गया है। जबकि अन्य निवेशकों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है।
Janjgir Champa News: जांजगीर चांपा में चिटफंड के माध्यम से कम समय में रकम दुगुना पाने के फेर में जिले के हजारों निवेशकों ने रकम गंवाकर बीते पांच से छह सालों से खून के आंसू रो रहे हैं। वे लगातार धरना प्रदर्शन तो कर ही रहे हैं, वहीं अब आत्मदाह की चेतावनी भी दे रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि उनकी गंवाई हुई लाखों की राशि अब तक नहीं मिली। क्योंकि किसी ने अपनी बेटी की शादी के लिए रकम इन्वेस्ट किया था। तो कोई खेत बेचकर कम समय में राशि दुगुनी पाने के झांसे में आकर रकम इन्वेस्ट किया, लेकिन उनकी स्थिति अब माया मिली न राम
2 अरब 17 करोड़ से अधिक का निवेश
chit fund investors Protest in chhattisgarh: आपको बता दें कि जिले के 76 हजार 215 निवेशकों ने 223 चिटफंड कंपनियों में 2 अरब 17 करोड़ 40 लाख 70027 रूपये निवेश किया है। इनमें से मात्र एक कंपनी की संपत्ति निलाम कर निवेशकों को 45 लाख रुपए ही लौटाया गया है। जबकि अन्य निवेशकों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है।
केस- 1
सारागांव तहसील के देवरी निवासी दिलीप साहू ने बताया कि वह अपनी बेटी की शादी के लिए तकरीबन 5 लाख रुपए रकम इन्वेस्ट किया था। इतनी रकम गंवाने के बाद आज 10 साल बीत जाने के बाद भी रकम की वापसी नहीं हुई। इसके लिए महीनों तक चिलचिलाती धूप में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
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केस- 2
कुम्हारीकला निवासी रोहित बरेठ ने बताया कि उन्होंने सुना था कि चिटफंड में रकम पांच साल के भीतर ही दुगुनी हो जाती है। इस झांसे में आकर उसने खेत बेचकर (Janjgir Champa News) पांच लाख रुपए इन्वेस्ट किया था, लेकिन अब यह राशि पाने चप्पल घिस गए। अब तो उम्मीद भी नहीं है। अब आत्मदाह का रास्ता अनपाएंगे।
केस- 3
देवरी निवासी रघुबर कर्ष ने बताया कि जिस वक्त वह रकम जमा कर रहा था उस वक्त उसकी बेटी छोटी थी। उसकी शादी 10 साल बाद करने की उम्मीद लेकर उसने चिटफंड में पांच लाख रुपए लगा दिया था। उसे उम्मीद थी कि बेटी की शादी में पांच लाख रुपए अभी इन्वेस्ट करूंगा तो आने वाले 10 साल में 15 लाख बन जाएगा। इससे उसकी बेटी की शादी हो जाएगी। लेकिन यहां तो उल्टा हो गया। अब चिटफंड में जमा रकम की मिलने की आस फूटी कौड़ी भी नहीं है।