सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व शुक्रवार को सिख समुदाय ने पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर शहर के गुरुद्वारों को एक दिन पहले से ही सजाया गया था। गुरुद्वारों में सबद कीर्तन और लंगर का आयोजन किया गया। सायं 5 बजे सोझी घाट गुरुद्वारा से गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के विभिन्न मार्गों से होकर बरपाली चौक स्थित गुरु सिंह सभा गुरुद्वारे में संपन्न हुई।
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व
गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा को हुआ था। उनकी 555वीं जयंती के उपलक्ष्य में शहर में एक सप्ताह पहले से तैयारियां शुरू हो गई थीं। शुक्रवार को सुबह से ही सिख परिवारों ने गुरुद्वारों में एकत्र होकर अखंड पाठ साहब का समापन किया और कीर्तन दरबार का आयोजन किया।
शोभायात्रा का भव्य स्वागत
शहर के प्रमुख मार्गों से निकली शोभायात्रा का लोगों ने जगह-जगह स्वागत किया। सिख समाज के साथ-साथ स्थानीय सिंधी समाज ने भी इस पर्व को प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया। इस दौरान गुरुद्वारों को फूलों से सजाया गया और महाप्रभात फेरी व लंगर का आयोजन किया गया। शोभायात्रा के दौरान लायंस चौक समेत अन्य स्थानों पर सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने स्वागत कर श्रद्धा प्रकट की।
भव्य कीर्तन दरबार और लंगर का आयोजन
अगले दिन, 16 नवंबर को बरपाली चौक गुरुद्वारा साहिब में सिख समाज चांपा की ओर से भव्य कीर्तन दरबार और लंगर का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग, श्रद्धालु संगत और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। बाहर से आए कीर्तनियों द्वारा प्रस्तुत कीर्तन दरबार ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। अंत में, सभी ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया और इस पवित्र पर्व का आनंद लिया।