लोगों का कहना है कि नगरपालिका नालियों का निर्माण और अपना-अपना कमीशन मिलने के बाद सभी इन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं, जिसका खामियाजा भुगतने जनता मजबूर हैं। शहर की नालियों के साथ ही मोहल्लों, तालाब और सुलभ शौचालयों का हाल हमनें पहले ही लोगों को बता दिया है। ऐसी स्थिति में मोटी तनख्वाह और मेंटेंनेंस के नाम पर लाखों रुपए बर्बाद किया जा रहा है।
कर्मचारी और बजट का सदुपयोग कराने में सीएमओ नाकाम
सफाई नहीं होने के कारण नगर में जगह-जगह पसरी गंदगी
, चांपा : नगर पालिका सीएमओ का उनके ही कर्मचारियों पर कोई पकड़ नहीं है, जिसके चलते शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल है। 50 से भी अधिक नियमित, प्लेसमेंट और स्वच्छता कमांडो की नियुक्ति होने के बावजूद शहर की साफ सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। विभिन्न वार्डों में बनी नालियों की सफाई तो कभी होती भी नहीं, जिससे पानी निकासी की गंभीर समस्या बनी रहती है। सफाई नहीं होने के कारण नालियां बजबजा रही है।
नगर पालिका चांपा की सफाई शाखा में नियमित प्लेसमेंट कमांडो सहित 50 से ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति है जिनके वेतन में हर माह लाखों रुपए खर्च किया जाता है। इसके अलावा सफाई व्यवस्था में आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां चलती है, जिनके मेंटेनेंस में भी लाखों रुपए खर्च किया जाता है। इसके बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है।
शहर के सभी 27 वार्डों में करोड़ों रुपए की लागत से पानी निकासी के लिए नालियों का निर्माण कराया है, लेकिन एक बार नाली निर्माण के बाद किसी ने भी उन नालियों की ओर पलटकर नहीं देखा। मसलन, ज्यादातर नालियां बर्बाद हो गई है तो वहीं लगभग सभी नालियां जाम है, जिनकी सफाई के लिए कोई प्रयास ही नहीं किया जाता। यही वजह है शहर की ज्यादातर नालियां जाम है तो वहीं कई नालियां सड़क में दफन हो गई है।
अन्य नालियाें में गंदगी की भरमार है, जिनमें पानी की निकासी संभव ही नहीं है। इन जाम नालियों की वजह से हर साल बारिश में शहर का कई मोहल्ला तालाब बन जाता है, तो वहीं जाम नालियों की वजह से बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसता है। नगरपालिका के सारे सफाई संसाधन और स्टाफ मिलकर भी इन गंदी नालियों की सफाई कराने में नाकाम है। कई जगह नाली पर नाली बन रही है।
साफ-सफाई नियमित होती है, निरीक्षण के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वे स्वयं सुबह से साफ-सफाई की मानिटरिंग के लिए निकलते हैं।
भोला सिंह ठाकुर
सीएमओ, नपा चांपा