spot_img
-0.1 C
New York
Wednesday, January 15, 2025

Buy now

spot_img

CG Election : 11 दिसंबर को होगी फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 15 तक लग सकती है आचार संहिता

CG Election: 11 दिसंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी और 15 दिसंबर तक आचार संहिता लग सकती है। वहीं ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह तक चुनाव हो सकते हैं।

CG Election: बस्तर संभाग के सभी नगरीय निकायों के चुनाव के लिए 15 दिसंबर तक आचार संहिता लागू हो सकती है। 11 दिसंबर को निर्वाचक नामावली यानी फाइनल वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होगा। इसी के बाद चुनाव आचार संहिता की घोषणा की जा सकती है।

CG Election

CG Election: निकाय चुनाव की घोषणा से पहले ही खड़ी हो गई दावेदारों की फौज! लॉटरी
निकलने के बाद मचेगा कोहराम - image

CG Election: निकाय चुनाव की घोषणा से पहले ही खड़ी हो गई दावेदारों की फौज! लॉटरी निकलने के बाद मचेगा कोहराम

CG Election: 6 जनवरी से पहले करवाने होंगे चुनाव

सूत्र बता रहे हैं कि सरकार तय समय यानी 5 जनवरी तक नगरीय निकाय चुनाव करवा सकती है। 6 जनवरी से निगमों और पालिकों में नया कार्यकाल शुरू होना है। राज्य निर्माण के बाद से अब तक यही सिस्टम रहा है कि नगर निगमों का कार्यकाल खत्म होने के पहले ही चुनाव होता आया है। 5 जनवरी को कार्यकाल खत्म होगा तो 6 जनवरी से पहले चुनाव करवाने होंगे।

जनवरी तक टालना पड़ेगा नगरीय निकाय चुनाव

जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने के विकल्प पर जाने की तैयारी में है। इससे उन्हें नगरीय निकाय चुनाव को जनवरी तक टालना पड़ेगा। इसके लिए राज्य सरकार को कैबिनेट बुलाकर एक्ट में संशोधन करना होगा। राज्यपाल से इसकी स्वीकृति के बाद नोटिफिकेशन होगा। निगम और पालिकाओं कार्यकाल खत्म होने के बाद नए चुनाव होने तक सरकार को प्रशासक की नियुक्ति करनी होगी।

लॉटरी से तय होगा महापौर किस वर्ग से होगा

नए सिरे से परिसीमन होने के कारण इस चुनाव में महापौर और पार्षदों की सीट नए सिरे से आरक्षित की जाएगी। आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग का सर्वे करवा लिया है। महापौर के पद का आरक्षण लॉटरी से होगा। परिसीमन होने के कारण रोटेशन सिस्टम लागू नहीं होगा, बल्कि लॉटरी की जाएगी।

देरी हुई तो प्रशासक के पास होंगे सारे अधिकार

CG Election: जैसा कि सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि चुनाव आगे बढ़ाने की स्थिति में प्रशासक की नियुक्ति की जा सकेगी। कार्यकाल खत्म होने के बाद सभी अधिकार प्रशासक के पास होंगे। इससे बहुत ज्यादा काम प्रभावित नहीं होगा। जनप्रतिनिधि अपनी सिफारिशें कर सकेंगे।

Related Articles

- Advertisement -spot_img

Latest Articles