spot_img
-0.1 C
New York
Wednesday, January 15, 2025

Buy now

spot_img

भाजपा पर कांग्रेस के साथ जुगलबंदी का आरोप, नगरीय निकाय चुनाव काफी दिलचस्प होने के आसार …

img 20241114 wa00513296413735146439725 Console Corptech

चांपा। कोसा, कांसा व कंचन की नगरी चांपा में इस बार नगरीय निकाय चुनाव काफी दिलचस्प होने के आसार है। प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार है, लेकिन बीते दस सालों से भाजपा पर कांग्रेस के साथ जुगलबंदी का आरोप लगते रहा है। इस लिहाज से भाजपा को यहां फतह करना बड़ी चुनौती है। इसी तरह कांग्रेस को इस सीट पर जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने के लिए ऐड़ीचोटी का जोर लगाना होगा। शहर की जनता पहले ही भाजपा और कांग्रेस से इसलिए नाराज है, क्योंकि शहर की कई ज्वलंत समस्याओं पर उनकी चुप्पी रही है।

देश में जब निर्मल भार अभियान शुरू हुआ तो चांपा के लोगों में शहर की साफ सफाई को लेकर होंड़ मच गई थी। लेकिन अभी जब पूरा शहर साफ-सफाई को लेकर परेशान है। सफाई के अभाव में जहां नालियां बजबजा रही है तो वहीं नाली पर नाली बनती जा रही है। नाली के पानी से हसदेव नदी आखिरी सांसे गिन रही है। करोड़ों खर्च करने के बावजूद रामबांधा तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। अन्य तालाबों का बुरा हाल है तो वहीं कई तालाब भू-माफियाओं के निशाने पर है। सड़क पर बाजार से जहां यातायात प्रभावित हो रहा है तो वहीं लोग फूटपाथ पर अपनी दुकानें लगाने मजबूर हैं। इस तरह की कई ज्वलंत समस्याओं को मजबूती के साथ उठाकर आम जनता की समस्याओं को दूर करने में नाकाम रही भाजपा का इस बार चांपा में नगरीय निकाय चुनाव जीत पानी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। नगरपालिका पिछले कार्यकाल का भी हाल यही था।इस कार्यकाल में ऐसी कोई लड़ाई या विरोध लोगों को नजर नहीं आई। दूसरी ओर, कांग्रेस की नगरपालिका में सरकार होने के बाद भी इन समस्याओं को दूर नहीं कर पाने के लिए उसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन विपक्ष में बैठी भाजपा को कहीं न कहीं मौन सहमति देने से इंकार नहीं किया जा सकता। मीडिया में अभी नगरपालिका और शहर की कई ज्वलंत समस्याओं को लेकर लगातार खबरें आई है, लेकिन अब तक इनमें से किसी भी मामले को लेकर भाजपा की ओर से विरोध में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। इससे समझा जा सकता है कि शहर में भाजपा कितनी निश्क्रिय है। दूसरी ओर, कांग्रेस के लिए चुनाव में जीत हासिल कर पाना काफी मुश्किल जान पड़ता है। क्योंकि कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है और गॉड फादर के लिए चुनाव से पहले आपसी मनमुटाव को दूर कर पाना बड़ी चुनौती है। इस गुटबाजी का असर चुनाव में भी पड़ सकता है। बहरहाल, नगरपालिका चांपा के इस महत्वपूर्ण अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा और किसकी सरकार बनेगी यह आने वाला समय ही बताएगा।

Related Articles

- Advertisement -spot_img

Latest Articles