
जांजगीर-चांपा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का जिला मुख्यालय जांजगीर में बतौर सीएम पहला आगमन बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। जिला प्रशासन ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करने आए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम ने विकास से ज्यादा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की चर्चाएं बटोरी।
सीएम के आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी थी। रास्ते में किसी को वाहन लाने ले जाने की इजाजत नहीं थी। जो भी व्यक्ति गलती से नजर आया, उसे तुरंत डांट-फटकार कर हटा दिया गया। आखिर राज्य के मुखिया आ रहे थे, इतना तो बनता ही है। जनता को यह याद दिलाना जरूरी था कि वे अब केवल नेता नहीं, मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आसपास के गांवों से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पिकअप और माजदा वाहनों में भरकर लाया गया। भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरे गए इन लोगों को देखकर यह तय था कि यह भीड़ स्वेच्छा से नहीं, बल्कि प्रबंधन के चमत्कार का परिणाम थी। जो पुलिस सामान्य दिनों में ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करती है, वह आज आंखें मूंदे रही। आखिर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जो सफल बनाना था।
सूत्रों के अनुसार, ब्लॉक अधिकारियों, ग्राम पंचायत सचिवों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया था। और वे इसमें सफल भी हुए। हाईस्कूल ग्राउंड खचाखच भरा हुआ था। महिलाओं की संख्या इतनी अधिक थी कि मंच पर बैठे नेता भी कुछ देर के लिए चौंक गए।
कार्यक्रम को रंगीन बनाने के लिए रायपुर से कलाकार बुलाए गए थे। बड़े मंच पर नाच-गाने का प्रबंध किया गया था, ताकि जनता का मनोरंजन होता रहे और वे अपने लाए जाने के दर्द को भूल जाएं। विकास कार्यों की बड़ी स्क्रीन पर शानदार वीडियो क्लिप चलाई गई। हालांकि, वीडियो और जमीनी हकीकत में अंतर कितना था, यह जनता से छिपा नहीं था।
भाजपा कार्यकर्ताओं में मुख्यमंत्री से गले मिलकर माला पहनाने और सेल्फी लेने की होड़ मची हुई थी। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने और फोटो खिंचाने के लिए बेताब थे। सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाहत ने पूरा माहौल सेल्फी उत्सव में बदल दिया।
183.41 करोड़ के विकास कार्य, जनता का मनोरंजन मुफ्त
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 183.41 करोड़ रुपए की लागत से 285 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। बड़ी-बड़ी घोषणाओं और सुंदर वीडियो के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सांसद कमलेश जांगड़े और मुख्यमंत्री के भाषण के बाद जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। जिला प्रशासन ने विकास कार्यों की जो तस्वीरें प्रस्तुत कीं, वह बड़ी स्क्रीन पर काफी आकर्षक लग रही थीं। जनता ने इन्हें देखा और सराहा, लेकिन सवाल यह है कि क्या ये विकास कार्य जमीन पर भी ऐसे ही शानदार दिखेंगे? दूसरी ओर, कार्यक्रम समाप्त होने के बाद लोग उसी तरह वाहनों में भरकर लौट गए, जैसे आए थे। जनता ने मुख्यमंत्री के आगमन का पूरा आनंद उठाया। अब देखने की बात यह है कि इस विकास और भीड़ प्रबंधन का असली असर जिले की जनता पर कब और कैसे दिखाई देगा