
चांपा। चांपा नगरपालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों के संभावित उम्मीदवारों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने की पूरी संभावना है।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस से पालिकाध्यक्ष पद के लिए राजेश अग्रवाल और भाजपा से प्रदीप नामदेव का नाम लगभग तय माना जा रहा है। यदि यह चर्चा वास्तविकता में बदलती है तो यह मुकाबला बेहद रोमांचक होगा।
राजेश अग्रवाल और प्रदीप नामदेव, दोनों ही पूर्व में पालिकाध्यक्ष रह चुके हैं और इनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है। नगर की जनता के बीच दोनों नेताओं की छवि दलगत राजनीति से ऊपर मानी जाती है। यही कारण है कि दोनों के बीच सीधा मुकाबला होने पर हर वोट के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
व्यक्तिगत संबंध और साख पर टिका मुकाबला
राजेश अग्रवाल और प्रदीप नामदेव दोनों के व्यक्तिगत संबंध दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के साथ अच्छे हैं। ऐसे में मतदाताओं के लिए यह चुनाव धर्मसंकट बन सकता है। किसे वोट दें और किसे न दें, यह सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
पिछले चुनाव के अनुभव
पिछले चुनाव में राजेश अग्रवाल ने “नेता नहीं, मित्र चुनें” के नारे के साथ जीत दर्ज की थी और पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन हुए थे। वहीं, उनके पहले प्रदीप नामदेव ने अपनी सादगी और पार्टी के प्रति समर्पण की भावना के चलते जीत हासिल की थी।
परिस्थितियां बदलीं, चुनौती बढ़ी
हालांकि, अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और समय के साथ-साथ चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। इस बार दोनों के लिए जीत हासिल करना उतना आसान नहीं होगा। “तु डाल-डाल, तो मैं पात-पात” वाली कहावत इस चुनाव में चरितार्थ होती दिख सकती है।
आर्थिक पक्ष भी होगा अहम
चुनाव में प्रत्याशी के व्यक्तित्व के साथ-साथ आर्थिक पक्ष भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दृष्टि से देखें तो राजेश अग्रवाल आर्थिक रूप से मजबूत स्थिति में हैं।
कुल मिलाकर मुकाबला दिलचस्प
यदि राजेश अग्रवाल और प्रदीप नामदेव के बीच मुकाबला होता है तो यह चुनाव बड़ा दिलचस्प होगा। हर वोट की कीमत बढ़ जाएगी और जनता के फैसले पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।