चांपा। नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। कुल छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
भाजपा ने प्रदीप नामदेव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने राजेश अग्रवाल पर भरोसा जताया है। इनके अलावा कामेश्वर धैर्य, उपकार सिंह ढिल्लों, भोले शंकर मरावी और उमाकांत देवांगन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
बागी उम्मीदवार खेल बिगाड़ने के मूड में
इस चुनाव में बागी उम्मीदवार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। भाजपा से नाराज होकर कामेश्वर धैर्य निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। वे पहले पार्षद रह चुके हैं और समाजसेवा में भी सक्रिय हैं। ऐसे में वे भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
वहीं, कांग्रेस से बगावत कर उपकार सिंह ढिल्लों ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। वे पार्टी के समर्पित और वरिष्ठ कार्यकर्ता माने जाते हैं, पर कांग्रेस पार्टी से कभी उन्हें आगे नहीं आने दिया ,जिससे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
चांपा नगर पालिका का ऐतिहासिक रुझान
गौरतलब है कि चांपा नगर पालिका के इतिहास में अब तक कोई भी अध्यक्ष दोबारा अपनी सीट बरकरार नहीं रख सका है। इस बार दिलचस्प बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों के प्रत्याशी पूर्व में अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में क्या इतिहास खुद को दोहराएगा, या कोई नया चेहरा इस पद पर काबिज होगा? यह देखने वाली बात होगी।
तीर-तराजू बराबर, मुकाबला रोचक
इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के साथ-साथ बागी उम्मीदवार भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। इससे मुख्य दलों के वोट बंटने की संभावना बढ़ गई है, जो निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
चांपा की जनता इस बार क्या फैसला करती है, यह तो नतीजों के बाद ही साफ होगा, लेकिन इतना तय है कि इस बार का चुनाव कड़ा और रोमांचक होने वाला है।