
ARJUN BHATIA
चांपा। नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में इस बार राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। वर्षों तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे उपकार सिंह ढिल्लों ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। टिकट न मिलने से नाराज ढिल्लों ने अपनी ताकत और जनसमर्थन पर भरोसा जताते हुए स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरने का ऐलान किया है।
कांग्रेस से अलग होने का बड़ा फैसला
उपकार सिंह ढिल्लों ने कांग्रेस के लिए लंबे समय तक निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य किया। लेकिन इस बार जब टिकट बंटवारे का समय आया, तो उन्हें दरकिनार कर दिया गया। पार्टी के इस फैसले से आहत ढिल्लों ने स्वाभिमान और जनता के समर्थन पर भरोसा करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की।
जनता के बीच मजबूत पकड़
ढिल्लों सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, बल्कि समाजसेवा और जमीनी जुड़ाव के लिए भी जाने जाते हैं। वर्षों तक पार्टी के लिए काम करने के बावजूद, उनकी असली ताकत जनता का भरोसा और समर्थन है। वार्डों में उनका व्यापक जनसंपर्क है, और वे हर वर्ग में अपनी पहचान और पकड़ रखते हैं।
क्या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चमक पाएंगे ढिल्लों?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस से अलग होकर उपकार सिंह ढिल्लों चुनावी मैदान में नया इतिहास रच पाएंगे? वे पार्टी संगठन से भले ही अलग हो चुके हैं, लेकिन जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और प्रभाव को देखते हुए उन्हें हल्के में नहीं आंका जा सकता।
क्या जनता पार्टी से ज्यादा व्यक्ति के विकास कार्यों और छवि को महत्व देगी? नगर पालिका अध्यक्ष पद की इस लड़ाई में अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उपकार सिंह ढिल्लों भी एक मजबूत दावेदार के रूप में उभर चुके हैं। मुकाबला दिलचस्प होने वाला है!