“पुराने महापौर के भतीजे के कारनामों के बाद, अब नए महापौर के बेटे ने किया कुछ ऐसा, जो बन गया सुर्खियों का कारण!”
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महापौर मीनल चौबे के बेटे मेहुल चौबे ने सड़क पर केक काटकर और आतिशबाजी के साथ अपना जन्मदिन मनाया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना 28 फरवरी की रात रायपुर के चंगोरा भाटा इलाके में हुई, जहां मेहुल चौबे अपने दोस्तों के साथ सड़कों पर जमकर जश्न मना रहे थे। इस दौरान सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और सड़क पर आतिशबाजी की गई, जिससे यातायात में भी अवरोध पैदा हो गया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते यह मामला सुर्खियों में आ गया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मेहुल चौबे अपने दोस्तों के साथ सड़कों पर केक काट रहे थे और आतिशबाजी का लुत्फ उठा रहे थे। उनके इस व्यवहार से न केवल स्थानीय लोग हैरान हो गए, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इस घटना पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कुछ लोग इस पर हंसी-मजाक कर रहे थे, तो कुछ लोग इस तरह के सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रकार के उत्सवों को गलत मान रहे थे।
इससे पहले भी रायपुर में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जब युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने सड़क पर अपना जन्मदिन मनाया था। उस पर भी पुलिस ने कार्रवाई की थी, और अब महापौर के बेटे की इस घटना के बाद एक बार फिर प्रशासन को गंभीरता से इस मुद्दे को लेकर कदम उठाने पड़े हैं।
दरअसल, हाई कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं पर संज्ञान लिया था और राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। कोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी और इस तरह की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसका असर अब दिखने को मिला है।
घटना के बाद, एक ऑटो चालक रवि ध्रुव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मेहुल चौबे, पिंटू चंदेल, मनोज गौतम समेत 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 126 (2), 3 (5) BNS के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अब इस घटना की पूरी जांच की जाएगी।
यह घटना प्रशासन और स्थानीय नागरिकों दोनों के लिए एक चेतावनी बन गई है कि सार्वजनिक स्थलों पर इस प्रकार के आयोजनों पर नियंत्रण रखने की सख्त जरूरत है। अब यह देखना होगा कि इस तरह की घटनाओं से प्रशासन कितना सख्त कदम उठाता है और क्या इसके बाद और भी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले से यह साफ है कि सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के जश्न या गतिविधियों के लिए अब प्रशासन और पुलिस को और सख्त नियमों का पालन करना होगा, ताकि कोई भी घटना सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में न डाले।