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जे.जी.एम. अस्पताल की लापरवाही से मासूम की मौत: परिजनों का अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

अमन छत्तीसगढ़ न्यूज़

चांपा,: चांपा के जे.जी.एम. अस्पताल में इलाज के दौरान हुई एक साल पांच माह की मासूम बच्ची अंशिका सार्वडिया की मौत ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया है। बच्ची के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस घटना ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


घटना का पूरा विवरण

✔️ कब और कहां हुई घटना?
घटना 15 मार्च 2025, शनिवार शाम 7:30 बजे की है। यह मामला चांपा के बरपाली चौक, गुरुद्वारा मार्ग, तहसील रोड स्थित जे.जी.एम. अस्पताल में सामने आया।

✔️ पीड़ित परिवार कौन है?
मृत बच्ची अंशिका सार्वडिया (उम्र 1 साल 5 माह) के माता-पिता मनीष कुमार सार्वडिया और मनीषा सार्वडिया जिला शक्ति के निवासी हैं।

✔️ कैसे बिगड़ी बच्ची की हालत?
परिजन बच्ची को बेहतर इलाज के लिए शक्ति से चांपा के जे.जी.एम. अस्पताल लेकर आए थे। वे दोपहर 2:40 बजे अस्पताल पहुंचे, जहां बच्ची को भर्ती कर लिया गया। लेकिन इलाज के दौरान घोर लापरवाही बरती गई।


डॉक्टरों की लापरवाही और अस्पताल की गंभीर चूक

✔️ मुख्य चिकित्सक की गैरमौजूदगी
इलाज के दौरान अस्पताल में मुख्य चिकित्सक डॉ. सुमित गुलाबानी मौजूद नहीं थे। बिना विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी के बच्ची को ब्लड चढ़ा दिया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी।

✔️ गंभीर स्थिति में भी देरी
जब बच्ची की हालत बिगड़ने लगी, तब अस्पताल प्रशासन को गंभीरता से कदम उठाना चाहिए था। लेकिन मुख्य डॉक्टर की गैरमौजूदगी और सही समय पर उचित उपचार न मिलने की वजह से बच्ची की हालत और खराब हो गई।

✔️ डॉक्टर के देर से पहुंचने पर बिगड़ चुकी थी स्थिति
परिजनों के अनुसार, जब तक डॉ. सुमित गुलाबानी मौके पर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बच्ची ने दम तोड़ दिया

✔️ अस्पताल प्रशासन का गैर-जिम्मेदार रवैया
बच्ची की मौत के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इससे परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया।


परिजनों का आक्रोश और न्याय की मांग

✔️ परिजनों ने क्या आरोप लगाए?
मृतक बच्ची के माता-पिता का कहना है कि अगर समय पर सही उपचार और देखभाल मिलती, तो उनकी बेटी की जान बच सकती थी

✔️ स्थानीय लोगों की नाराजगी
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही से किसी की जान चली जाए, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है

✔️ न्याय की मांग
परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी

✔️ क्या प्रशासन इस मामले में कोई कदम उठाएगा?
यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन इस पर संज्ञान लेगा या यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

✔️ अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
यह घटना साबित करती है कि चांपा के अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। इस लापरवाही ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की असंवेदनशीलता को उजागर कर दिया है।

✔️ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
अगर समय रहते इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है।


निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की मांग

✔️ क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
परिजनों और आम जनता की मांग है कि:
✅ इस मामले की निष्पक्ष जांच हो
✅ अस्पताल प्रशासन और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए
✅ अस्पतालों की व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं

✔️ क्या इस बार न्याय मिलेगा?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है। क्या दोषियों को सजा मिलेगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा?


चांपा के जे.जी.एम. अस्पताल में हुई इस हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक मासूम बच्ची की निरंकुश स्वास्थ्य व्यवस्था और लापरवाह डॉक्टरों की वजह से जान चली गई। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति को उजागर किया है

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करेगा, या फिर यह भी एक और लापरवाही की दास्तान बनकर रह जाएगा?

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